Kameshwari Nitya Devi

 


1) KAMESHWARI NITYA

कामेश्वरी देवी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हैं , जो उगते हुए सूर्य अथवा अंधेरे से रोशनी की ओर ले जाने वाली । यह इच्छाओं की देवी हैं , आपके गहनतम विचारों में छुपी हुई इच्छाओं को प्रगट करना और पूर्ति करना यही उसका कार्य हैं। इस देवी का तेज दस करोड़ सूर्य की तेज की भांति हैं। यह देवी दो तिथियो पर कमांड करती हैं , अमावस्या के बाद आने वाली प्रतिपदा और पूर्णिमा के बाद आने वाली प्रतिपदा तिथि पर ।


कामदेव को भस्म करने से पूर्व उसे अपने नेत्रों में सुरक्षित रखने वाली , तथा उसे अपने नेत्रो से फिरसे पुनः जीवन देने वाली जो शक्ति हैं , वह यही हैं ।

कामदेव के पाँच बाण और पाँच कामदेव के रूप में जो तेज है , वह इसी देवी के कारण उसे प्राप्त होता हैं।

1. कामराज ह्रीं

2. मन्मथ क्लीं

3. कंदर्प ऐं

4. मकरकेतन ब्लूम

5. मनोभव स्त्रीं

ईस तरह से ये देवी की 5 शक्तियाँ 5 कामदेव के रूप हैं। जो पाँच बाण है , वह देवी के हाथों में हैं । यह 5 शक्तियां 1) तीव्र इच्छा काम वासना ई 2) पागलो की तरह पीछे लगने वाला स्वभाव 3) प्रज्वलित करना अथवा जल्स जलने वाला स्वभाव 4) मंत्रमुग्ध करना अथवा जादुई चीजो में फसाना 5) नाश करना ई .

वह देवी लाल रंग की हैं , छह हाथ , तीन नेत्र , चंद्रकोर और पूर्ण आभूषण से युक्त उसका शरीर हैं। ईख का दंडा , पुष्पबाण सहित हैं ।

सूर्य की सुबह की पहली किरण की ऊर्जा , सृजन की मूल शक्ति प्रेरणा और ब्रम्हा को सृष्टि सृजन की जो शक्ति थी वह यही श्रीकामेश्वरी नित्या हैं। कामदेव को जन्म देने वाली , उसे पुनः जीवन देने वाली अर्थात अगर कामवासना ही नहीं रही तो कोई जन्म कैसे ग्रहण करेंगा और बंजर जमीन पर सुपिकता कैसे आएंगी , फिर जीवनसृष्टी रुक जाएगी और प्रेम समाप्त हो जाएगा …. इन सबका मूल कामदेव ही हैं , और उसकी शक्ति कामेश्वरी नित्या ।


कामेश्वरी नित्या कामनाओं की कामना , इच्छाओं की इच्छा को भी पूर्ण करने की क्षमता रखती हैं। जो अंधेरे में है उसे उजाले में लाती हैं । व्यक्ति के गुणों को बढ़ावा देती हैं ।

इच्छा ज्ञान क्रिया में यह इच्छा शक्ति है ।

धन्यवाद ।

The tantra gives her dhyana or meditation image as red like 10 million dawn suns, having a diadem of rubies, wearing throat ornaments, necklaces, waistchains and rings. She is red, has six arms and three eyes, and bears a crescent Moon, smiling softly. She holds a bow of sugar cane, flowering arrows, noose, goad, and a nectar-filled begemmed cup, showing the mudra of bestowing boons. The five arrows of desire (Kama) in the five petals are Longing, Maddening, Kindling, Enchanting and Wasting. These five Kamas are five forms of Kamadeva, Lalita as Krishna, who are Kamaraja (Hrim), Manmatha (Klim), Kandarpa (Aim), Makara (Blum) and Manobhava (Strim) with the colours yellow, white, red, purple and blue. Each of the Kamadevas has two eyes and two arms, the hands holding sugar cane bow and flowering arrows, the very form of the five elements.

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