Asuri durga

 भगवती श्री आसुरी दुर्गा जी

Bhagwati shri asuri durga ji

प्रणाम

ॐ नमः शिवाय

माँ दुर्गा के अनेक स्वरूपों में से एक है आसुरी दुर्गा जी

आसुरी नाम राई का है । अतः इनके पूजन में राई प्रधान वस्तु है । यह शीघ्र फलदायिनी विद्या है । यह वशीकरण की सिद्ध विद्या है, ये प्रतिकूल व्यक्ति को भी अनुकूल कर देती है ।

इन्हे अथर्वा की पुत्री भी कहा जाता है ।

इन देवी को ही कौतुक दुर्गा, कटुकी दुर्गा आदि नाम से पुकारा जाता है ।

आगम - निगम में देवी का ध्यान इस तरह है ।

ध्यानः- शरत्-चन्द्र-कान्तिं वराभीति-शूलं, श्रृणिं हस्त-पद्मैर्दधानाम्बुजस्याम् । विभूषाम्बराढयां हि यज्ञोपवीति, मुदाऽथर्व-पुत्रि ! करोत्यासुरी नः ।।

अर्थ :-

।।जिनके शरीर की आभा शरत्कालीन चन्द्रमा के समान शुभ है, अपने कमल सदृश हाथों में जिन्होंने क्रमशः वर, अभय, शूल एवं अंकुश धारण किया है ।

ऐसी कमलासन पर विराजमान, आभूषणों एवं वस्त्रों से अलंकृत, सर्प का यज्ञोपवीत धारण करने वाली अथर्वा की पुत्री भगवती आसुरी दुर्गा मुझे प्रसन्न रखें" ।।

देवी का मन्त्र जाप करते रहने से इनकी कृपा प्राप्त होती है । ये मन्त्र आपको अपने गुरु से उनकी सेवा और दक्षिणा देकर  प्राप्त करना होगा ।


🙏नमो आदेश 🙏

VikaasAnupamMaarg

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