Manikarnika Devi
भगवती श्री मणिकर्णिका जी महारानी
BHAGWATI SHRI MANIKARNIKA JI MAHARANI
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प्रणाम ॐ नमः शिवाय
PRANAM OM NAMAH SHIVAY
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श्री #मणिकर्णिका देवी जी साधक को सुख तथा पुत्र देती है ।
यदि हम तीर्थ क्षेत्रो की बात करें तो सब को पता है के भारत देश के #उत्तरप्रदेश राज्य स्थित #वाराणसी नामक पुण्य क्षेत्र है, जिसमे अनेक घाट है, उन्ही में से एक है #मणिकर्णिकाघाट । जो अधिकतर लोगों के लिए आज केवल एक पानी का कुण्ड मात्र रह गया है । अनेक लोग उससे सम्बंधित कहानियाँ कहते है जो पुराणों में भी वर्णित है।
यहाँ पर ऐसी मान्यता भी है की यदि इस पुण्य क्षेत्र में कोई अपने प्राण त्याग दे और उसका अंतिम संस्कार भी यही हो जाए, तो उसे साक्षात् महादेव के दर्शन प्राप्त होते है और मुक्ति प्राप्त होती है ।
लेकिन कालांतर में बहुत सारे ज्ञान का लोप हो गया । लोग धीरे धीरे कर के यह भूल गए की उस क्षेत्र में माँ पार्वती अपने एक रूप में निवास करने लगी जिसे #मणिकर्णिका देवी कहा जाता है । इनके ही नाम से इस घाट का नाम भी #मणिकर्णिका घाट पड़ गया ।
मणिकर्णिका देवी का #ध्यान
ये देवी स्वेत कमल के आसन पर विराजित है । इनके चंद्र समान मुख पर तीन नेत्र है । ये सफ़ेद कमल पुष्प की माला पहने हुवे है । अपने दाये हाथ में ये सुन्दर कमल पुष्प की माला तथा बाये हाथ में ये बिजौरा का फल धारण करती है । ये अपने भक्तो को तरने के लिए तत्पर है । ये देवी समस्त घोर पाप को भी मूल सहित नाश करती है ।
देवी का मन्त्र जाप करते रहने से इनकी कृपा प्राप्त होती है । ये मन्त्र आपको अपने गुरु से उनकी सेवा और दक्षिणा देकर प्राप्त करना होगा ।
🙏नमो आदेश 🙏
VikaasAnupamMarg
mahasiddhajvc@gmail.com
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